कर्ण प्रिय वाणी तेरी, केश रात्रि की कालिमा। भक्ति की तू शक्ति, कर्ण प्रिय वाणी तेरी, केश रात्रि की कालिमा। भक्ति की तू शक्ति,
या यह कहूँ कविता तो उसके हर अंदाज़ में थी वो खुद एक काव्यपाठ सी थी और मैं मूर्ख कविता किताब से ... या यह कहूँ कविता तो उसके हर अंदाज़ में थी वो खुद एक काव्यपाठ सी थी और मैं मू...
तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा। तुम कितनी सुलझी हुई हो ना, जैसे की कोई रेशम का धागा, कितना भी करो हमेशा सुलझा।
मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे! मिलकर चलो ख़ुशियाँ फैलाएँगे प्रीत की डोरी से जग को बाँधेंगे!
पुष्प-सार का है मधुवन पुष्प-गुच्छक से झूमे उपवन। पुष्प-सार का है मधुवन पुष्प-गुच्छक से झूमे उपवन।
सयंम संकल्प साहस शक्ति अरमानो के आसमान। सयंम संकल्प साहस शक्ति अरमानो के आसमान।